धनुष टूटने का दृश्य देख दर्शक हुए गदगद -शेरवां खखडा गांव में आयोजित श्री राम कथा केतिसरे दिन शुक्रवार की कथा वाचक पंडित मंगलम दीप महाराज कथा में बतलाया कि शिव धनुष टूटते ही चारों तरफ हर-हर महादेव व जय श्रीराम के नारे से पूरा पांडाल सहित गांव गुजायमान हो गया। इस दौरान राजा जनक के सीता स्वयंवर के लिये रखे गये शर्त को जब कोई राजा, देव-दानव-मानव पूरा नही कर पाए तब महाराज जनक निराश हो गये और उन्होने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि यदि मैं यह समझता कि यहां कोई भी वीर पुरूष नही सभी का-पुरूष ही का-पुरूष है। तो मैं अपनी बेटी के लिए एेंसा शर्त नही रखता। स्वयंर देखने के उद्देश्य से पहुचे लक्षमण तुरन्त ही उनको बातों से कुद्ध होकर कहे महाराज जनक रघुवंशियो के समक्ष इस तरह के शब्द बोलने का किसी को कोई अधिकार नही यह धनुष क्या चीज है अगर बड़े भैया का आदेश हो तो मैं पूरी पृथ्वी को गेद तरह उठाकर पटक कई टुकड़े कर दूं। जिस पर गुरू विश्वामित्र व प्रभुराम ने लक्षमण को समझाते हुए शान्त करवाया और महाराज जनक की निराशा को आशा में तब्दील करते हुए शुभ-मुहुर्त में विश्वामित्र के आदेशानुसार प्रभु श्रीराम ने धुनष पर तमंचा चढ़ाने गये और तमंचा चढ़ाते ही वह टूट गया। धनुष के टूटते ही चारो तरफ हर-हर महादेव, व जय श्रीराम के नारे से पूरा गांव सहित पंडाल गुजायमान हो गया। इस दौरान कथा में उपस्थित मंगल मिश्रा, सूर्य बली यादव, चंद्रभूषण त्रिपाठी, वशिष्ठ नरायण त्रिपाठी,बिशाल,मनोहर, अशोक मिश्रा, सहित सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

रिपोर्ट मनोज मिश्रा

विशाल भंडारे के साथ सात द्विवसीय रामकथा का हुआ समापनमुगलसराय चन्दौली।अलीनगर थाना क्षेत्र स्थित सहरोई गांव में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी श्री हनुमान जयंती के पावन शुभ अवसर पर नवयुवक मंगल दल सहरोई के तत्वाधान में सात दिवसीय संगीतमय रामकथा का आयोजन किया गया है। कथा अंतिम दिन पंडित शक्ति तिवारी ने कथा में बताया कि नारायण की कृपा कब किसपर बरस जायेगी उसको कोई नहीं जान पाता जिस प्रकार प्रभु श्रीराम की कृपा हनुमान जी पर हुई, सुग्रीव जी व विभिषण जी पर हुई। निच्छल भाव से युक्त जीवन यापन करने वालो पर कब प्रभु की कृपा हो जायेगी उसको तो वही जान सकते है। चंचल चित जीव सुग्रीव जिस पर रघुनाथ जी की कृपा हुई और विभिषण जी के पूरा राजपाठ ही दे दिया और अपने परम शिष्य हनुमान जी पर अपनी कृपा बरसा कर उन्हे अमरता का वरदान दिया और अष्ट सिद्धियां प्रदान कर दी। शक्ति तिवारी ने बतलाया की जीवन में यदि जीना सीखना है तो रामचरितमानस का चरण, शरण ,ग्रहण करना चाहिए रामचरितमानस हमको जीना सिखाती है भाई भाई के प्रति प्रेम कैसा होना चाहिए, माता-पिता के प्रति प्रेम कैसा होना चाहिए, पिता और पुत्र के प्रति प्रेम कैसा होना चाहिए, यह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र जी के जीवन से सीखा जा सकता हैऔर उन्होंने बतलाया की मनुष्य का शरीर साधन का धाम है मोक्ष का दरवाजा है और इस सांसारिक भव कुप से बाहर निकालने के लिए केवल और केवल एक नाम ओम, राम, शिव इन्हीं तीन नाम में से एक का जाप करें इसी में हम सब का कल्याण है और उन्होंने बतलाया की भगवान ज्ञान से मिले या ना मिले वैराग्य से मिले या ना मिले लेकिन प्रभु प्रेम से जरूर मिल जाते है।वही कथा के अतिम दिन विशाल भंडारे का आयोजन प्रसाद वितरण किया जिसमें हजारो नर-नारी बूढ़े-जवान बच्चे शामील रहे। इस दौरान राहुल मिश्रा समाजसेवी, अमित मिश्रा, रोहित, पवन, शिशु, विराट, उमेश, महानंद, दिनेश, शुभम, गोलू, तबला वादक अनिल तिवारी निक्कीरशिक, प्रद्युम्न, सैकड़ो श्रद्धालु उपस्थित रहे।

ओडवार निवासी भगत पर जानलेवा हमला — इलाज के दौरान मौत, पुलिस जांच में जुटी

चंदौली (उत्तर प्रदेश):
पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर के ओडवार निवासी युवक भगत पर दो दिन पूर्व कुछ अज्ञात हमलावरों ने सरेराह जानलेवा हमला कर दिया। हमला उस वक्त हुआ जब भगत किसी काम से लौट रहे थे। रास्ते में कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया, पैसे छीन लिए और बेरहमी से मारपीट की।

घटना के बाद घायल अवस्था में भगत को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां लगातार इलाज के बावजूद आज उनकी मौत हो गई। यह दुखद घटना पूरे क्षेत्र में आक्रोश और शोक का कारण बन गई है।

सूचना मिलते ही पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और अपराधियों की तलाश में जुट गई है। अधिकारियों का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज, चश्मदीद गवाहों और अन्य साक्ष्यों के आधार पर हमलावरों की पहचान की जा रही है, और जल्द ही गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी।

परिजन इस घटना से बेहद आहत हैं और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं।