कमीशन का अड्डा बन चुका है गोपाल बुक डिपो – अभिभावक परेशान

पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर में स्थित गोपाल बुक डिपो की दर्दनाक कहानी

10 स्कूल का ठेका लेकर नहीं दे पा रहे हैं किताबें –
घंटों लाइन में मुस्क्कत के बाद कैसे-कैसे करके किताबें दे रहे हैं वह भी आधी अधूरी इनके पास पूरी किताब है ही नहीं।
दुकान पर अत्यंत भीड़ और दूर-दूर से अभिभावक आए हुए परेशान।
इतनी भीड़ यह संभाल नहीं पा रहे हैं और बिना गिने किताबें भी दे रहे हैं, दुकान पर दोबारा जाने पर और पूछने पर पता लगता है की चार किताबें हैं ही नहीं जो की एक हफ्ते बाद मिलेगी जबकि स्कूल में पढ़ाई निरंतर चालू है, आधी किताबें ई रिक्शा पर लोड हो कर आ रही हैं और आधी दुकान के बाहर जमीनों पर पड़ी है जिन किताबों को दुकानों द्वारा नहीं संभाला जा रहा है। तीसरी बार जाने पर किताबें मिली वह भी आधी अधूरी।
दुकानों पर ज्यादा भीड़ होने के कारण महिलाएं दुकान के काउंटर तक पहुंची नहीं पा रही हैं पता नहीं इसमें किसकी कमी है शिक्षा विभाग की या स्कूल की व्यवस्था की या दुकानों की कमीशन की –
शर्मनाक
सो रही व्यवस्था – सो रहा शिक्षा विभाग

आज 14 सितंबर हिंदी दिवस के अवसर पर दिव्य एकेडमी कोचिंग संस्थान बबुरी में सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे प्रियंका प्रथम, सुहाना द्वितीय और कीर्ति ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
विद्यालय में पढ़ाने वाली हिंदी की वरिष्ठ अध्यापिका सुनीता केशरी द्वारा बच्चों को गोल्ड मेडल सिल्वर मेडल और ब्रांज मेडल द्वारा पुरस्कृत किया गया।।
विद्यालय के प्रबंधक अरुण कुमार पाठक जी ने बच्चो का उत्साह वर्धन किया।

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