पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर में स्थित गोपाल बुक डिपो की दर्दनाक कहानी
10 स्कूल का ठेका लेकर नहीं दे पा रहे हैं किताबें –
घंटों लाइन में मुस्क्कत के बाद कैसे-कैसे करके किताबें दे रहे हैं वह भी आधी अधूरी इनके पास पूरी किताब है ही नहीं।
दुकान पर अत्यंत भीड़ और दूर-दूर से अभिभावक आए हुए परेशान।
इतनी भीड़ यह संभाल नहीं पा रहे हैं और बिना गिने किताबें भी दे रहे हैं, दुकान पर दोबारा जाने पर और पूछने पर पता लगता है की चार किताबें हैं ही नहीं जो की एक हफ्ते बाद मिलेगी जबकि स्कूल में पढ़ाई निरंतर चालू है, आधी किताबें ई रिक्शा पर लोड हो कर आ रही हैं और आधी दुकान के बाहर जमीनों पर पड़ी है जिन किताबों को दुकानों द्वारा नहीं संभाला जा रहा है। तीसरी बार जाने पर किताबें मिली वह भी आधी अधूरी।
दुकानों पर ज्यादा भीड़ होने के कारण महिलाएं दुकान के काउंटर तक पहुंची नहीं पा रही हैं पता नहीं इसमें किसकी कमी है शिक्षा विभाग की या स्कूल की व्यवस्था की या दुकानों की कमीशन की –
शर्मनाक
सो रही व्यवस्था – सो रहा शिक्षा विभाग