मानवाधिकार न्यूज़ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जी ने अपने पुत्र ऋषि के जन्मदिन पर किया सेवा कार्य, लोगों को दिया प्रेरणादायक संदेश

रिपोर्ट राहुल मेहानी

हमारे मानवाधिकार न्यूज़ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जी ने अपने पुत्र ऋषि के जन्मदिन पर किया सेवा कार्य, लोगों को दिया प्रेरणादायक संदेश

मानवाधिकार न्यूज़ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वैश्य समाज के राष्ट्रीय महासचिव संजय रस्तोगी ने अपने पुत्र ऋषि के जन्मदिन के अवसर पर समाज सेवा का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने इस शुभ अवसर पर ज़रूरतमंद लोगों के बीच भोजन और प्रसाद वितरण का आयोजन किया। इस सेवा कार्य में संजय जी के परिवार के साथ-साथ मानवाधिकार संगठन के सभी सदस्य भी सक्रिय रूप से उपस्थित रहे।

संजय जी ने बताया कि इस तरह के कार्य न केवल ज़रूरतमंदों की मदद करते हैं, बल्कि बच्चों के मन में दया, परोपकार और सेवा भावना को भी विकसित करते हैं। उन्होंने अपने पुत्र ऋषि को इस आयोजन का हिस्सा बनाया, ताकि उसे यह सिखाया जा सके कि जन्मदिन का सही अर्थ केवल स्वयं खुशियां मनाना नहीं है, बल्कि दूसरों के जीवन में भी खुशी लाना है।

अपने संदेश में संजय जी ने सभी माता-पिता से अपील की कि वे अपने बच्चों के जन्मदिन पर अनावश्यक दिखावे से बचें और उनके साथ मिलकर सामाजिक कार्य करें। उन्होंने कहा, “जन्मदिन पर भोजन और प्रसाद वितरण करना एक सच्ची सेवा है, जो बच्चों के मन में संवेदनशीलता और कृतज्ञता का भाव पैदा करती है।”

इस आयोजन में मानवाधिकार संगठन के सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी शामिल हुए। सभी ने संजय जी के इस कदम की सराहना की और इसे अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।

यह आयोजन सामाजिक और आध्यात्मिक प्रेरणा का केंद्र बन गया, जहां उपस्थित लोगों ने संजय जी के इस विचार को अन्य परिवारों तक पहुंचाने का वादा किया। संजय जी का यह प्रयास समाज में एक नई सोच को बढ़ावा देने का प्रतीक बन गया है, जिसमें खुशी को दूसरों के साथ बांटने का महत्व बताया गया है।

अधिकारियों के आदेश को मातहत दिखा रहे ठेगा
चहनियां चन्दौली।
क्षेत्र के प्रभुपुर गावं में अराजी नं0 311पर चकरोड बनवाने के लिए पिड़ित वायुनन्दन त्रिपाठी ने उपजिलाधिकारी व खण्ड विकास अधिकारी के यहा प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगाया गया। लेकिन उच्चाधिकारियां के आदेश के बावजूद भी मातहत सचिव व प्रारम्भ कार्य कराना उचित नही समझ रहे है। वही पिड़ित वायुनन्दन ने खण्ड विकास अधिकारी से बार-बार मिलने के पर खण्ड विकास अधिकारी ने दो दिन के अन्दर काम लगवाये जाने का आश्वासन देकर प्रार्थी को शान्त कराया। इस संबंध में तत्कालीन एडीओ पंचायत ने सचिव को कार्य कराने का लिखित आदेश दिया था लेकिन सचिव द्वारा उसे नजर अंदाज करते हुए कार्य कराना उचित नही समझा। ग्राम प्रधान चुनावी रंग में रंग कर आलाधिकारियां के आदेश को ठेगा दिखाते हुए ठंण्डे बस्ते में डाल दिया है। अधिकारियों के आदेश को दो-दिन, चार-दिन करते-करते मातहत सचिव व ग्राम प्रधान दो माह बिता दिए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारियों का आदेश का कितना मातहत पालन करते है। अधिकारियों ढ़ुलमुल रवैया पूर्ण आदेश से तंग आकर पिड़ित आमरण अनशन करने का बाध्य हो गया। वही पिड़ित वायुनन्दन ने आलाधिकारियों चेताते हुए कहा कि अगर जल्द से जल्द कार्य प्रारम्भ नही करवाया तो प्रार्थी आमरण अनशन को बाध्य होगा जिसकी सारी जिम्मेदारी मातहतों की होगी।