सोसायटी की महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर भगवान सूर्यदेव और छठ मैया की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। शाम के समय सभी श्रद्धालु सोसाइटी में बनाए गए घाट पर एकत्रित हुए और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया।








भक्ति गीतों, पारंपरिक संगीत और छठ मइया के जयकारों से पूरा वातावरण भक्ति और उल्लास से गूंज उठा। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी ने इस पावन पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और त्योहार का आनंद उठाया।

सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर सभी को ठेकुआ महाप्रसाद देकर पूजा का समापन किया गया। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि सामूहिक एकता और भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं को भी सशक्त बनाता है।
रिपोर्ट शिखा उपाध्याय




