श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कथा प्रसंग सुनकर भक्त हुए निहाल चहनियां चन्दौली क्षेत्र के पक्खोपुर गांव में श्री त्रिदण्डी स्वामी के शिष्य सुन्दरदास यति जी महराज ने अपने मुखार विन्दु से भगवान विष्णु के अवतारों, विशेष रूप से भगवान कृष्ण की लीलाओं और भक्ति योग का वर्णन किया। स्वामी जी ने बताया कि जब-जब धरा पर पाप का बोझ बढ़ जाता है तब-तब भगवान को किसी न किसी रूप में अवतार लेकर पापियो का ाश कर आमजन को मुक्ति दिलाना है। जब कंस का पाप चरमोकर्ष पर पहुच गया तब नाथ नारायण ने श्रीकृष्ण रूप में जन्म लेकर कंस का अंत करके मथुरा का उद्धार किया। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव कथा का प्रसंग सुनकर भक्त निहाल हो गये। इस दौरान जिउत बन्धन यदव, राजेश सिंह, प्रभाकर सिंह, निरज पाण्डेय, पंकज पाण्डेय, दीपक सिंह, ओमप्रकाश सिंह, अशोक, सारनाथ, प्रेमकुमार सिंह सहित सैकड़ो ग्रामवासी मौजूद रहे – चाहनिया चंदौली

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कथा प्रसंग सुनकर भक्त हुए निहाल

चहनियां चन्दौली

क्षेत्र के पक्खोपुर गांव में श्री त्रिदण्डी स्वामी के शिष्य सुन्दरदास यति जी महराज ने अपने मुखार विन्दु से भगवान विष्णु के अवतारों, विशेष रूप से भगवान कृष्ण की लीलाओं और भक्ति योग का वर्णन किया। स्वामी जी ने बताया कि जब-जब धरा पर पाप का बोझ बढ़ जाता है तब-तब भगवान को किसी न किसी रूप में अवतार लेकर पापियो का ाश कर आमजन को मुक्ति दिलाना है। जब कंस का पाप चरमोकर्ष पर पहुच गया तब नाथ नारायण ने श्रीकृष्ण रूप में जन्म लेकर कंस का अंत करके मथुरा का उद्धार किया। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव कथा का प्रसंग सुनकर भक्त निहाल हो गये। इस दौरान जिउत बन्धन यदव, राजेश सिंह, प्रभाकर सिंह, निरज पाण्डेय, पंकज पाण्डेय, दीपक सिंह, ओमप्रकाश सिंह, अशोक, सारनाथ, प्रेमकुमार सिंह सहित सैकड़ो ग्रामवासी मौजूद रहे।