गलत खान-पान से होने वाली बीमारियों का समुचितइलाज होम्योपैथ में है संभव- डॉ. आफताब आलम

Report Md. Arif

अहरौरा, मिर्जापुर। नगर के चुनार
चौराहा से पूरब दिशा में बूढ़ादेई मार्ग
पर डॉ. आफताब के द्वारा होम्योपैथिक
पद्धति से जटिल से जटिल रोगों का
इलाज किया जाता है। आफताब
होमियो फार्मेसी पर शुक्रवार को
अनौपचारिक भेंटवार्ता में डॉ. आफताब
ने बताया चिकित्सा जगत में बहुत से
लोग काफी इलाज के बाद भी संतुष्ट
नहीं हो पा रहे हैं और उन्हें ठगने का
भी काम किया जा रहा है। अंततः लोग
होम्योपैथ पर विश्वास करके अपने
इलाज के लिए पहुंच रहे हैं और उन्हें
होम्योपैथ के नाम पर ठगा जा रहा है।
होम्योपैथ के आड़ में एलोपैथिक
गोलियां भी चलाया जा रहा है। हमारी
भोली-भाली जनता को लूटा जा रहा
है। ऐसे चिकित्सकों से बचने की
जरूरत है। मैंने देखा है कि आज कल
दूषित खान पान प्रदूषित रहन-सहन के
कारण बहुत से बीमारी से लोग परेशान
हो रहे हैं। हृदय रोग कैंसर रोग जिस
प्रकार से बढ़ रहा है लोगों को अपनी
जान बचाना मुश्किल हो गया है। ऐसी
स्थिति में समुचित इलाज भी करना
आर्थिक रूप से लोगों के बस में नहीं
है। मैंने देखा है कैंसर जैसी बीमारी का
इलाज होम्योपैथिक में है फिर भी लोगों
को भरोसा नहीं हो पाता है। आजकल
के दिनों में हम देख रहे हैं कि ज्यादातर
40 से 60 वर्ष वाले महिला पुरुष
गठिया, साटिका, मसल्स पेन नस की
बीमारी असहनीय सिर दर्द, स्तन का
गिल्टी, बवासीर, पथरी, ल्युकोरिया
जैसी बहुत सी ऐसी बीमारी है जिसमें
हम मजबूती के साथ इलाज कर रहे हैं
और लोगों को कम खर्च में सुकून भी
मिल रहा है लोग स्वस्थ भी हो रहे हैं।
बच्चों के अनगिनत बीमारियों का
इलाज हमारे यहां आरंभ से ही शुरू
करने पर हम काफी सफल हो जाते
हैं। अब पहले वाली बात नहीं अब
लोगों का होम्योपैथिक पर विश्वास
बढ़ा है। डॉ. आफताब ने कहा कि
होम्योपैथ में रोगी अगर थोड़ा धैर्य के
साथ लगकर इलाज करें तो हर बीमारी
को जड़ से खत्म किया जा सकता है।

मानवाधिकार न्यूज़ की ओर से मज़दूरों को समर्पित एक अपील
“फिर से चाहिए 8 घंटे का अधिकार –
मज़दूर न किसी का ग़ुलाम है, न कोई व्यापार!”

आज 1 मई – अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस है। यह वह दिन है जब पूरी दुनिया उन मेहनतकश हाथों को सलाम करती है, जिन्होंने अपने खून-पसीने से दुनिया का निर्माण किया है।
लेकिन आज एक बार फिर वही सवाल खड़ा है –
क्या हमारे मज़दूरों को वह सम्मान, वह अधिकार मिल पा रहे हैं जिसके लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी थी?

1886 में अमेरिका के शिकागो में जब मज़दूरों ने 8 घंटे की शिफ्ट के लिए अपनी जानें दीं, तब जाकर यह अधिकार मिला।
मगर आज फिर वही मज़दूर 12 से 18 घंटे काम करने को विवश है –
कम मज़दूरी, ज़्यादा काम, और सम्मान शून्य।

मानवाधिकार न्यूज़ की ओर से हम यह स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं:

8 घंटे का काम मज़दूर का हक़ है, एहसान नहीं।

हर श्रमिक को सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, और काम का सुरक्षित वातावरण मिलना चाहिए।

मज़दूर को कोई ठेके का सामान न समझें – वह भी एक इंसान है, जिसके सपने हैं, परिवार है, और जीने का हक़ है।


आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है –
मज़दूरों की आवाज़ को फिर से बुलंद करना।
उनके हक़ के लिए एकजुट होना।

हमारा संकल्प:
“रोटी भी चाहिए, इज़्ज़त भी चाहिए,
इंसान हैं हम – गुलाम नहीं!”

आपका
संजय रस्तोगी
राष्ट्रीय अध्यक्ष – मानवाधिकार न्यूज़

पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर वार्ड नंबर 7 महमूदपुर कैलाशपुरी जोड़ने वाला रोड जर्जर हालत में, जिम्मेदार बेपरवाह

मानवाधिकार न्यूज़, चंदौली:
पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के वार्ड नंबर 7 में महमूदपुर से कैलाशपुरी को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग बेहद खराब स्थिति में पहुंच चुका है। यह सड़क करीब 5 वर्ष पूर्व बनाई गई थी, लेकिन अब इसमें बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं, जिससे राहगीरों और स्थानीय निवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि बरसात के दिनों में इस सड़क पर चलना बेहद खतरनाक हो जाता है। आए दिन दोपहिया वाहन चालकों के फिसलने की घटनाएं सामने आ रही हैं। स्कूली बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह सड़क अब जानलेवा बन चुकी है।

सबसे गंभीर बात यह है कि इस सड़क की दुर्दशा की जानकारी कई बार सभासद और नगर निगम अधिकारियों को दी गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। लोगों में नगर प्रशासन के प्रति गहरा आक्रोश है और वे सवाल कर रहे हैं कि आखिर कब तक वे बदहाल सड़कों पर चलने को मजबूर रहेंगे?

स्थानीय नागरिकों ने मानवाधिकार न्यूज़ के माध्यम से नगर निगम से अपील की है कि इस सड़क की मरम्मत शीघ्र कराई जाए, ताकि जनता को राहत मिल सके और भविष्य में कोई बड़ा हादसा न हो।