“पानी अल्लाह की नेमत है इसका एहतराम करें”- मौलाना मोहम्मद मेंहदी

-मुहर्रम की सातवीं तारीख़ से करबला में बंद हो गया था पानी, शुक्रवार को निकलेगा दुलदुल

-दुलहीपुर, बनारस, ऐंलहीं, डिग्घी, बसिला, सिकंदरपुर से आए अज़ादारों ने किया मातम

चंदौली। करबला में शहादत के वक्त इमाम हुसैन ने अपने चाहने वालों से कहा था कि जब कभी ठंडा पानी पीना अपने इमाम की कुर्बानी को याद करना। करबला की जंग में इंसानियत के साथ-साथ हम सबकी जिंदगी में पानी का महत्व भी बताती है। यजीदी फौजों को जब ये लगा कि वो इमाम और उनके बहत्तर साथियों से जीत नहीं सकते तो उन्होंने पानी के एकमात्र स्रोत नहरे फ़रात पर फौजों का कब्जा लगा दिया। इमाम के काफिले में मौजूद छोटे-छोटे बच्चे रेगिस्तान में तीन दिन तक पानी को तरस गए।

स्वर्गीय डाक्टर अब्दुला मुजफ्फर के अजाखाना-ए-रजा में सातवीं मुहर्रम की मजलिस खिताब फरमाते हुए मौलाना मोहम्मद मेंहदी ने पानी को खुदा की सबसे बड़ी नेमत बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में पानी का संकट पैदा हो गया है। इमाम हुसैन ने कहा था कि पानी हमेशा इज्जत करो। रसूले अकरम की भी हदीस है कि पानी पिलाना सबसे बड़ा सवाब का काम है। इसलिए हम सबका फर्ज है कि पानी की किसी भी हाल में न खुद बर्बादी करें न दूसरों को करने दें। मौलाना ने इमाम हुसैन ने के भतीजे जनाबे कासिम के मसायब पढ़े। जनाबे के कासिम को करबला के मैदान में बेरहमी से कत्ल करने के बाद उनकी लाश पर हजारों घोड़े दौड़ा दिए गए थे जिसकी वजह इमाम हुसैन को सिर्फ उनके शरीर के टुकड़े मिले। डाक्टर एस. जी. इमाम ने बताया शुक्रवार को दुलदुल निकलेगा जिसे इमाम हुसैन की सवारी कहा जाता है। अज़ादार दुलदुल को दूध पिलाकर मन्नत मांगते हैं।

दुलहीपुर से आई अंजुमन नासेरूल अजा ने अपने पुरखुलूस अंदाज में मसायबी नौहे पढ़े जिसके बाद मजलिस में मौजूद अज़ादार रोने लगे। मशहूर शायर वक़ार सुल्तानपुरी ने इमाम हुसैन की बहन जनाबे जैनब के हवाले से नौहे पढ़े जिसमें इमाम हुसैन के बाद करबला का दर्दनाक मंजर पेश हुआ। इस दौरान मायल चंदौलवी, सरवर भाई, खुर्रम, शहंशाह, सैयद अली इमाम दानिश, रियाज अहमद, नौशाद, सफदर हुसैन, इमरान आदि मौजूद रहे।

तमन्चे व नकदी संग चोर गिरफ्तारचहनिया चन्दौलीबलुआ पुलिस ने चंकिग के दौरान शनिवार को नाथूपुर तिराहा से अन्तर जनपदीय शातिर चोर रोहन निषाद पुत्र दिनेश निवासी पूरा गनेश, थाना बलुआ को गिरफ्तार किया है। उसके कब्जे से एक देशी तमंचा 315 बोर, एक जिंदा व एक फायरशुदा कारतूस, एक खोखा कारतूस तथा चोरी के माल की बिक्री से प्राप्त 11,400रूपये नकद बरामद हुए हैं। पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि उसने अपने साथियों भोला निषाद, आकाश निषाद, महेश निषाद व ईश्वरचंद्र निषाद के साथ मिलकर बलुआ क्षेत्र सहित जनपद के कई हिस्सों में चोरी की घटनाओं को अंजाम देते है। गांव के अजय केवट व लोरिक गुप्ता के घरों में चोरी की थी और चोरी का सामान राहगीरों व कबाड़ियों को औने-पौने दामों में बेच दिया। इसके अलावा जुलाई माह में उसने थाना धीना क्षेत्र के बैरिक कला गांव में एक घर से गहने और 5000रूपये नकद चुराए थे। अगस्त माह में अपने साथी आकाश निषाद के साथ थाना अलीनगर क्षेत्र के बसनी गांव स्थित शिवमंदिर से चांदी के आभूषण व घंटे चोरी किए थे। उसने मसौनी गांव के काली माता मंदिर में हुई चोरी की वारदात को भी स्वीकार किया। रोहन ने बताया कि चोरी की घटनाओं के दौरान वह आत्मरक्षा हेतु तमंचा अपने पास रखता था। पुलिस ने बरामद असलहे के आधार पर उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है और अन्य मामलों में जांच तेज कर दी है।

धनुष टूटने का दृश्य देख दर्शक हुए गदगद -शेरवां खखडा गांव में आयोजित श्री राम कथा केतिसरे दिन शुक्रवार की कथा वाचक पंडित मंगलम दीप महाराज कथा में बतलाया कि शिव धनुष टूटते ही चारों तरफ हर-हर महादेव व जय श्रीराम के नारे से पूरा पांडाल सहित गांव गुजायमान हो गया। इस दौरान राजा जनक के सीता स्वयंवर के लिये रखे गये शर्त को जब कोई राजा, देव-दानव-मानव पूरा नही कर पाए तब महाराज जनक निराश हो गये और उन्होने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि यदि मैं यह समझता कि यहां कोई भी वीर पुरूष नही सभी का-पुरूष ही का-पुरूष है। तो मैं अपनी बेटी के लिए एेंसा शर्त नही रखता। स्वयंर देखने के उद्देश्य से पहुचे लक्षमण तुरन्त ही उनको बातों से कुद्ध होकर कहे महाराज जनक रघुवंशियो के समक्ष इस तरह के शब्द बोलने का किसी को कोई अधिकार नही यह धनुष क्या चीज है अगर बड़े भैया का आदेश हो तो मैं पूरी पृथ्वी को गेद तरह उठाकर पटक कई टुकड़े कर दूं। जिस पर गुरू विश्वामित्र व प्रभुराम ने लक्षमण को समझाते हुए शान्त करवाया और महाराज जनक की निराशा को आशा में तब्दील करते हुए शुभ-मुहुर्त में विश्वामित्र के आदेशानुसार प्रभु श्रीराम ने धुनष पर तमंचा चढ़ाने गये और तमंचा चढ़ाते ही वह टूट गया। धनुष के टूटते ही चारो तरफ हर-हर महादेव, व जय श्रीराम के नारे से पूरा गांव सहित पंडाल गुजायमान हो गया। इस दौरान कथा में उपस्थित मंगल मिश्रा, सूर्य बली यादव, चंद्रभूषण त्रिपाठी, वशिष्ठ नरायण त्रिपाठी,बिशाल,मनोहर, अशोक मिश्रा, सहित सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

विवाहिता ने की खुदकुशी परिजन हुए बेहालचहनिया चंदौली बलुआ थाना क्षेत्र के सोनहुला गांव निवासी सरोज विश्वकर्मा 28वर्ष शुक्रवार की दिन में लगभग 11बजे फासी के फंदे पर झूल अपनी इहलीला समाप्त कर ली।रतनेश विश्वकर्मा की पत्नी सरोज देवी शुक्रवार को दोपहर में आत्म हत्या कर ली जेसे ही इसकी खबर परिजनो के लगी की उनके हाथ पाव फूल गये और तत्काल घटना की जानकरी पुलिस को दी। सूचना पर पहुची पुलिस अग्रिम कार्यवही में जुट गयी। रतनेश की शादी सुर्खापुर जिला मिर्जापुर 8वर्ष पूर्व शादी हुआ था। सरोज के दो बच्चे थे। बड़ी लड़की का नाम रिद्धि लगभग 4वर्ष लड़के का नाम डिग्गू 2वर्ष है। बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। वही स्वजन पत्नी के मायके पिता गिरधारी विश्वकर्मा को सूचित किया। पिता ने आकर पुलिस को सूचना दी। पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पारिवारीक कलह से उबकर सरोज ने अपनी इहलीला समाप्त कर ली। पुलिस घटना की छानबीन कर रही है।