पंचायत भवन हुआ जर्जर ग्रामीण हलकान
चहनियां चन्दौली

रिपोर्ट मनोज मिश्रा

पंचायत भवन हुआ जर्जर ग्रामीण हलकान
चहनियां चन्दौली
सथानीय विकास क्षेत्र के प्रभुपुर गांव में प्रधान की निष्क्रियता व अधिकारियों के उदासीनता के कारण पंचायत भवन जर्जर हो चुका है। जिससे विकास कार्यो का संचालन नही हो पा रहा है। वही ग्रामीण ग्राम प्रधान के घर जाकर उनके आगे-पीछे चक्कर लगाने को विवश हो गये है। वही ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग जब आय, जाति या किसी अन्य कार्य के लिए पंचायत भवन पर जाते है। तो वहा कोई नही मिलता और ग्राम पंचायत सचिव का तो कही अता पता नही लगता है। जिससे लोग हलकान हो जाते है। वही ग्रामसभा में पंचायत भवन को लेकर लोगो में आक्रोस पनप रहा है कारण यह कि किसी भी कार्य के लिए पंचायत भवन जाकर लोग अपना कार्य आसानी से करा लेते लेकिन ग्राम प्रधान की निष्क्रियता के कारण अज्ञात लोगां द्वारा दरवाजा खिड़की इत्यादि सामान उखाड़ कर गायब कर दिये और सारा कार्य ग्राम प्रधान के निवास स्थान से संचालित किया जाता है। वही ग्रामीणां ने यहा तक कहा कि ग्राम प्रधान एक अड़ियल स्वभाव का व्यक्ति है और कहता है कि जो हम चाहेगे वही होगा आप लोगो के मन से कोई भी कार्य नही होगा। वही ग्राम पंचायत सचिव ज्ञानेन्द्र कुमार उनके आगे बौने साबित हो रहे है। इस संबंध में विकास अधिकारी राजेश नायक का कहना है कि मामला संज्ञान में नही नही है। अगर ऐसा है तो जांच कर कार्रवाई की जायेगी।

सीता राम स्वयंवर देख श्रोता हुए गदगद-चंदौली सकलडीहा विकास खंड क्षेत्र के सहरोई गांव में श्री हनुमान जयंती के पावन अवसर पर नवयुवक मंगल दल सहरोई के तत्वाधान में सात दिवसीय संगीतमय राम कथा का आयोजन किया गया है कथा के चौथे दिन पंडित शक्ति तिवारी कथा में भी बताया की जिस कार्य को दस हजार राजा नहीं कर पाये उस कार्य को श्री रघुनाथ ने करके दिखाये। यह दृश्य देखकर जितने राजा थे सब सकुचा जाते हैं। और लगे खलबली मचाने उसी समय अजगौ धनुष के लिए परशुराम सभा में आ जाते हैं। और सब के सब राजा अपने पिता का नाम बताकर कतार बद्ध खड़े हो गये। और लगे चिखारने की निकाल कर के वापस करो जिसने शिव पिनाक धनुष को खंड-खंड किया। राम कहते हैं महाराज वह आपका कोई दास ही होगा लेकिन परशुराम का क्रोध शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा था। तब लक्ष्मण भैया कौतकी करने लगे और अंत में कहना ही पड़ा की महाराज हमें कुंभड की भतिया न समझिएगा जो हाथों की तर्जनी देखकर डर जाये। हम रघुवंशी हैं हम जानते हैं कि जो क्षत्री ब्राह्मण के चरणों में निष्ठा बनाकर रहता है। वह संसार में निर्भर होकर जीता है। परशुराम सोच में पड़ गए कि ब्राह्मण के चरणों में इतनी निष्ठा भगवान को छोड़कर दूसरा कोई हो ही नहीं सकते। परशुराम धनुष की प्रतंचा चढ़वाकर रघुनाथ की परीक्षण किया और तीन बार जय जय कार लगाकर वापस महेंद्र पर्वत पर चले जाते हैं। फिर राजाओं ने राहत की सांस ली और दूतो को अयोध्या भेज कर चक्रवर्ती राजा दशरथ पत्र दिया गया और चक्रवर्ती राजा दशरथ पूरे धूमधाम से बारात लेकर आये। और पंडित शक्ति तिवारी ने बहुत ही खूबसूरत मट फोड की गीत गाते हुए विवाह की मंगल गीत सुनाये। जिसकी सभी श्रोता बंधु भाव विभोर होकर खूब आनंदित हुये। सैकड़ो श्रोताओं का हुजूम लग रहा। वहीं उपस्थित मुख्य अतिथि पूर्व सांसद रामकिशन यादव। राहुल मिश्रा समाज सेवीक, महानंद मिश्रा, अमित मिश्रा, रोहित, पवन, शिशु, विराट, उमेश, दिनेश, शुभम, गोलू, तबला वादक अनिल तिवारी, निक्की राशिक, प्रदुम्न, सैकड़ो श्रद्धालु उपस्थित रहे।