मिर्जापुर के कछवां थाना क्षेत्र के नरायनपुर गांव निवासी चंद्र प्रकाश पटेल, जो भारतीय सेना के जवान थे, युद्धाभ्यास के दौरान तोप पर शहीद हो गए। सेना के सूबेदार नरेंद्र सिंह ने बताया कि यह तोप पर कैजुएल्टी का मामला है। शहीद जवान का पार्थिव शरीर सेना द्वारा आज दोपहर में कछवां लाया जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार गंगा तट पर किया जाएगा।
चंद्र प्रकाश पटेल का 2010 में भारतीय सेना में पहले प्रयास में चयन हुआ था। वह सेना की 99वीं बटालियन में तैनात थे और इन दिनों राजस्थान के सूरतगढ़ में तैनात थे। 22 अक्टूबर को वह घर आए थे, और एक सप्ताह के बाद सेना की ड्यूटी के लिए वापस लौट गए थे।
शहीद के परिवार में मातम, गांव में उमड़ी भीड़ चंद्र प्रकाश के निधन की सूचना मिलते ही गांव में गम का माहौल छा गया। शहीद जवान की पत्नी स्नेहा पटेल और ढाई साल के बेटे अयांश के साथ उनका परिवार गहरे शोक में डूबा हुआ है। परिवार के अन्य सदस्य, विशेष रूप से उनके माता-पिता राजपति और राजनाथ पटेल, जो शहादत की खबर सुनकर विलाप कर रहे थे, इस दुःखद घटना से बुरी तरह प्रभावित हैं।

रिपोर्ट सौरभ मिश्रा

प्राचीन हनुमान मंदिर के पास चल रही मांस की दुकान बंद

पंडित दीनदयाल नगर के ग्राम पंचायत मोहम्मदपुर में स्थित प्राचीन हनुमान जी के मंदिर के ठीक बगल में पिछले ढाई महीने से बूचड़खाना एवं मांस की दुकान संचालित हो रही थी। इस मामले की जानकारी मिलने पर विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय ग्रामवासियों के साथ मिलकर प्रकरण को गंभीरता से उठाया और दुल्हीपुर चौकी को सूचना दी।

सूचना मिलते ही चौकी प्रभारी अपने एक कांस्टेबल के साथ मौके पर पहुंचे। जांच के बाद पुलिस ने दुकान मालिक को तुरंत दुकान बंद करने का आदेश दिया।

स्थानीय ग्रामीणों एवं विश्व हिंदू परिषद–बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई का स्वागत किया और कहा कि धार्मिक स्थलों की मर्यादा का ध्यान रखा जाना आवश्यक है। ग्रामीणों ने प्रशासन से यह भी मांग की कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए स्थायी कदम उठाए जाएं।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर मुगलसराय सिक्ख समाज संगत और चढ़दीकला कार सेवा संस्था द्वारा सिक्ख धर्म के संस्थापक पहले गुरु नानक देव जी महाराज के 555 वे प्रकाश पर्व के उपलक्ष में उनके दिखाये रास्तों पर चलने का प्रयास करते हुए जरूरतमंद लोगों की बस्तियों में जाकर आने वाली सर्दी से बचाव के लिए वहां के बच्चों को नए गर्म कपड़े बांटने की सेवा की गई