पोखरा तालाब: ऐतिहासिक धरोहर की अनदेखी
पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर, जिला चंदौली

रिपोर्ट संजय रस्तोगी

पोखरा तालाब: ऐतिहासिक धरोहर की अनदेखी
पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर, जिला चंदौली

पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के वार्ड नंबर 9 स्थित “पोखरा तालाब” जिले का सबसे पुराना और ऐतिहासिक महत्व का स्थल है। यह तालाब धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से न केवल क्षेत्र के लोगों के लिए बल्कि जिले की पहचान के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ दशावं संस्कार, भंडारा, और अन्य धार्मिक आयोजनों का सिलसिला वर्षों से चलता आ रहा है।

हालांकि, यह बेहद दुखद है कि नगर पालिका प्रशासन और वार्ड के सभासद, जिनकी जिम्मेदारी तालाब के संरक्षण और रखरखाव की है, इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। तालाब की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। जलभराव, गंदगी और उचित सफाई के अभाव में यह ऐतिहासिक धरोहर अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन से कई बार तालाब की सफाई और सौंदर्यीकरण के लिए अनुरोध किया गया, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। तालाब के पास गंदगी और जलभराव से न केवल धार्मिक कार्यक्रमों में बाधा आ रही है, बल्कि स्थानीय पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है।

वार्ड नंबर 9 के निवासी इस तालाब को बचाने और इसकी देखरेख के लिए नगर पालिका से तुरंत कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यदि समय रहते प्रशासन ने इस दिशा में कदम नहीं उठाए, तो यह धरोहर नष्ट हो सकती है।

न्याय को लेकर दर-दर भटक रहे फरियादीमुलसराय चन्दौली। मुगलसराय तहसील क्षेत्र के कैथा उर्फ टड़िया निवासी रामभरोस यादव रास्ते को लेकर दर-दर भटक रहा है। जबकि गांव के ही दबंगों द्वारा जबरी चकरोड को कब्ज कर लिए उसके लिए पिड़ित जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, तहसीदार, थाना दिवस, तहसील दिवस, सम्पूर्ण समाधान दिवस जैसे अति महत्वपूर्ण जगहां पर फरियाद लगाई लेकिन अफसोस तो इस बात का है कि आज तक कोई भी अधिकारी मौके पर जाकर सच्चाई जानने का प्रयास नही किया। जबकि पिड़ित माननीय उचच न्यायालय में भी गुहार लगाया जहा से अविलम्ब रास्तो खली कराये जाने का आदेश पारित हुआ लेकिन जनपदस्तरीय अधिकारी माननीय न्याय उच्च न्यायालय के आदेश को धता कर चुप्पी साधे हुए है। जिससे आवागमन करने वाले हलकान हो रहे है। जहॉ एक तरफ सराकर फरियादियों की फरियाद के लिए तरह-तरह के हत्कण्ड़े अपना रही है लेकिन मातहत कानो में तेल डालकर अनजान बने हुए है। वही पिड़ित ने शुक्रवार को जिलाधिकरी महोदय के यह एक फिर प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाया अब देखना यह है कि आगे क्या होता है।