शराब ठेके के विरोध में नगरवासियों का प्रदर्शन, CO ने दिया आश्वासन

शराब ठेके के विरोध में नगरवासियों का प्रदर्शन, CO ने दिया आश्वासन

रावत बस्ती वार्ड नंबर 2 में स्थित शराब ठेके के विरोध में नगरवासियों ने जोरदार धरना प्रदर्शन किया। लोगों ने ठेके को वहां से हटाने की मांग की, जिससे क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनी रहे। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही CO साहब मौके पर पहुंचे और लोगों की बात सुनी। उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। नगरवासियों ने प्रशासन से जल्द से जल्द ठेका हटाने की मांग की है।

रिपोर्ट किशन (ब्यूरो चीफ मुगलसराय)
रिपोर्ट किशन (ब्यूरो चीफ मुगलसराय)

मुगलसराय, चन्दौली। पुलिस अधीक्षक आदित्य लाग्हें द्वारा अवैध मादक पदार्थ/शराब के परिवहन व बिक्री पर प्रभावी अंकुश लगाने व तस्करी में संलिप्त अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु दिये गये निर्देशों के अनुपालन के क्रम में पुलिस अधीक्षक (आपरेशन) अनिल कुमार यादव व क्षेत्राधिकारी नौगढ़ कृष्ण मुरारी शर्मा के कुशल मार्गदर्शन/पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष नौगढ़ के कुशल नेतृत्व में थाना नौगढ़ पुलिस टीम द्वारा रात्रि चेकिंग के दौरान बसौली नगर के पास से एक स्कार्पियो वाहन में से बोरीयो में रखे(कुल 54 किलो 580 ग्राम)अवैध गांजा के साथ 02 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। दिनाँक 15.12.2024 को थाना नौगढ पुलिस द्वारा मझगायी मोड़ पर संदिग्ध वाहन व व्यक्ति की चेकिंग कर रहे थे।

धनुष टूटने का दृश्य देख दर्शक हुए गदगद -शेरवां खखडा गांव में आयोजित श्री राम कथा केतिसरे दिन शुक्रवार की कथा वाचक पंडित मंगलम दीप महाराज कथा में बतलाया कि शिव धनुष टूटते ही चारों तरफ हर-हर महादेव व जय श्रीराम के नारे से पूरा पांडाल सहित गांव गुजायमान हो गया। इस दौरान राजा जनक के सीता स्वयंवर के लिये रखे गये शर्त को जब कोई राजा, देव-दानव-मानव पूरा नही कर पाए तब महाराज जनक निराश हो गये और उन्होने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि यदि मैं यह समझता कि यहां कोई भी वीर पुरूष नही सभी का-पुरूष ही का-पुरूष है। तो मैं अपनी बेटी के लिए एेंसा शर्त नही रखता। स्वयंर देखने के उद्देश्य से पहुचे लक्षमण तुरन्त ही उनको बातों से कुद्ध होकर कहे महाराज जनक रघुवंशियो के समक्ष इस तरह के शब्द बोलने का किसी को कोई अधिकार नही यह धनुष क्या चीज है अगर बड़े भैया का आदेश हो तो मैं पूरी पृथ्वी को गेद तरह उठाकर पटक कई टुकड़े कर दूं। जिस पर गुरू विश्वामित्र व प्रभुराम ने लक्षमण को समझाते हुए शान्त करवाया और महाराज जनक की निराशा को आशा में तब्दील करते हुए शुभ-मुहुर्त में विश्वामित्र के आदेशानुसार प्रभु श्रीराम ने धुनष पर तमंचा चढ़ाने गये और तमंचा चढ़ाते ही वह टूट गया। धनुष के टूटते ही चारो तरफ हर-हर महादेव, व जय श्रीराम के नारे से पूरा गांव सहित पंडाल गुजायमान हो गया। इस दौरान कथा में उपस्थित मंगल मिश्रा, सूर्य बली यादव, चंद्रभूषण त्रिपाठी, वशिष्ठ नरायण त्रिपाठी,बिशाल,मनोहर, अशोक मिश्रा, सहित सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।