रीबॉर्न ट्रस्ट की पहली आधिकारिक बैठक सफलतापूर्वक संपन्न✨

रिपोर्ट राहुल मेहानी

पं. दीन दयाल उपाध्याय नगर, उत्तर प्रदेश |
रीबॉर्न ट्रस्ट, उत्तर प्रदेश की पहली आधिकारिक बैठक दिनांक 7 अगस्त 2025 (गुरुवार) सायं को पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के शाहकुटी स्तिथ कार्यालय पर सफलतापूर्वक संपन्न हुई।

रीबॉर्न ट्रस्ट एक युवा-केन्द्रित सामाजिक संस्था है, जिसकी स्थापना प्रख्यात सोशल एक्टिविस्ट श्री सतनाम सिंह द्वारा की गई है। संस्था का उद्देश्य समाज में पर्यावरण संरक्षण, रक्तदान, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सामाजिक जागरूकता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर कार्य करना है।

बैठक में संस्थापक एवं अध्यक्ष श्री सतनाम सिंह (सोशल एक्टिविस्ट) ने सभी सदस्यों को संस्था की विचारधारा, उद्देश्य एवं आगामी योजनाओं के बारे में मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने कहा कि रीबॉर्न ट्रस्ट समाज में बदलाव लाने हेतु युवाओं की शक्ति और संवेदनशीलता को संगठित करने का प्रयास है।

बैठक में निम्नलिखित सदस्यगण उपस्थित रहे:
रवनीत सिंह, तरनदीप सिंह, अजय यादव गोलू, अजीत कुमार सोनी, हयात अंसारी,इंद्रजीत सिंह रिप्पी, विष्णु जैस, श्रद्धा कुमारी जी, शिवानी कुमारी, आशा कुमारी एवं ज्योति गोंड।

बैठक में जिन प्रमुख अभियानों पर चर्चा हुई, वे इस प्रकार हैं:
 पौधा वितरण एवं वृक्षारोपण अभियान
喝 रक्तदान शिविर
 सामाजिक जागरूकता अभियान

रीबॉर्न ट्रस्ट की विशेषता यह है कि यह संस्था पूर्णतः युवाओं द्वारा संचालित है, जो सेवा, समर्पण और सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध है।

 रीबॉर्न ट्रस्ट — नया संकल्प, नया निर्माण।
✨ बिना स्क्रिप्ट के। बिना फ़िल्टर के। बिना रुके।

 युवा जुड़ने हेतु संपर्क करें:
 9839307216 | 7080432822

अधिकारियों के आदेश को मातहत दिखा रहे ठेगा
चहनियां चन्दौली।
क्षेत्र के प्रभुपुर गावं में अराजी नं0 311पर चकरोड बनवाने के लिए पिड़ित वायुनन्दन त्रिपाठी ने उपजिलाधिकारी व खण्ड विकास अधिकारी के यहा प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगाया गया। लेकिन उच्चाधिकारियां के आदेश के बावजूद भी मातहत सचिव व प्रारम्भ कार्य कराना उचित नही समझ रहे है। वही पिड़ित वायुनन्दन ने खण्ड विकास अधिकारी से बार-बार मिलने के पर खण्ड विकास अधिकारी ने दो दिन के अन्दर काम लगवाये जाने का आश्वासन देकर प्रार्थी को शान्त कराया। इस संबंध में तत्कालीन एडीओ पंचायत ने सचिव को कार्य कराने का लिखित आदेश दिया था लेकिन सचिव द्वारा उसे नजर अंदाज करते हुए कार्य कराना उचित नही समझा। ग्राम प्रधान चुनावी रंग में रंग कर आलाधिकारियां के आदेश को ठेगा दिखाते हुए ठंण्डे बस्ते में डाल दिया है। अधिकारियों के आदेश को दो-दिन, चार-दिन करते-करते मातहत सचिव व ग्राम प्रधान दो माह बिता दिए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारियों का आदेश का कितना मातहत पालन करते है। अधिकारियों ढ़ुलमुल रवैया पूर्ण आदेश से तंग आकर पिड़ित आमरण अनशन करने का बाध्य हो गया। वही पिड़ित वायुनन्दन ने आलाधिकारियों चेताते हुए कहा कि अगर जल्द से जल्द कार्य प्रारम्भ नही करवाया तो प्रार्थी आमरण अनशन को बाध्य होगा जिसकी सारी जिम्मेदारी मातहतों की होगी।